जसिंता केरकेट्टा की कविताएं: 'डर', 'राष्ट्रगान बज रहा है', 'नदी, पहाड़ और बाज़ार', 'परवाह'

Episode 262,   Dec 14, 2021, 08:54 AM

Jacinta kerketta hindi poems: झारखंड की जसिंता केरकेट्टा को उनकी कविताओं ने अंतरराष्ट्रीय पहचान दी है. जसिंता केरकेट्टा ने अपने इर्द-गिर्द ऐसा समाज देखा है जो बहुत भोला है, इस भोलेपन को उन्होंने जीया भी है. जसिंता का जन्म पश्चिमी सिंहभूम जिले में सारंडा जंगल से सटे झारखंड और ओड़िशा की सीमा पर स्थित मनोहरपुर प्रखंड के खुदपोस गांव में 3 अगस्त 1983 को हुआ था.जसिंता का काव्य संग्रह 'अंगोर' 2016 में हिंदी और अंग्रेजी में कोलकाता से प्रकाशित हुआ. बाद में इसका जर्मन संस्करण द्रोपदी वेरलाग, जर्मनी से प्रकाशित हुआ. 'नया ज्ञानोदय', 'पहल', 'शुक्रवार', 'युद्धरत आम आदमी', 'वागर्थ' जैसी देश की कई प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिकाओं में उनकी अनेक कविताएं प्रकाशित हुईं. न्यूज18 हिन्दी के स्पेशल पॉडकास्ट में सुनें जसिंता केरकेट्टा की चार कविताएं.