पल्लवी त्रिवेदी की 4 कविताएं: भाषा, भरोसा, यूं ही, रो लो पुरुषों
Episode 234, Oct 30, 2021, 05:35 AM
भोपाल पुलिस विभाग में कार्यरत पल्लवी त्रिवेदी इकॉनमिक ऑफेंस विंग में अडिशनल इंस्पेक्टर जनरल हैं. कटीले चुटीलें व्यंग्य और क्षणिकाओं से लोगों के दिलों में जगह बनाने वालीं पल्लवी कल्पनाओं, संवेदनाओं और वाकयात को जिस तरह कागज़ पर उड़ेलती हैं, वह उनकी बारीक नज़र और भाषा पर पकड़ को रेखांकित करता है. मध्यप्रदेश के शिवपुरी में जन्मीं पल्लवी की कविताएं, कहानियां, व्यंग्य और यात्रा संस्मरण कई अखबारों और मैगजीन्स में प्रकाशित होते रहे हैं. उनका व्यंग्य संग्रह 'अंजाम-ए-गुलिस्तां क्या होगा' हाथोंहाथ लिया गया और कविता संग्रह 'तुम जहाँ भी हो' बेहद सराहा गया. इस कविता संग्रह के लिए उन्हें वागीश्वरी सम्मान से भी नवाज़ा गया.