प्रियदर्शन की कविताएं: तोड़ना और बनाना, नष्ट कुछ भी नहीं होता, गुस्सा और चुप्पी

Episode 214,   Oct 05, 2021, 09:06 AM

बिखरते हुए हौसले की सांसों में फिर से हवा भरने वाली यह कविता प्रियदर्शन ने रची है. पेशे से पत्रकार हैं प्रियदर्शन, पर स्वभावतः साहित्यकार. इसलिए उनकी कविताएं, कहानियां और उपन्यास मानवीय संवेदनाओं से लबरेज हैं.