सुदामा पांडेय धूमिल की कविताएं: 'लोहे का स्वाद', 'उस औरत की बगल में लेटकर' और 'कुत्ता'
Episode 133, Apr 24, 2021, 12:47 PM
धूमिल को यथार्थवादी कवि माना जाता है. उनकी कविताओं में भरपूर तल्खी है. व्यवस्था और समाज के प्रति विद्रोह है. लेकिन यह तल्खी हो या विद्रोह - कहीं से भी आसमानी या हवा-हवाई नहीं हैं.