#जीवनसंवाद: प्रेम और घृणा!

Episode 175,   Oct 09, 2020, 06:50 PM

Jeevan Samvad: हमें अपनी भाषा को भी प्रेम देना है. बिना प्रेम के भाषा कमजोर होती जाती है. हमारे आसपास बढ़ता गुस्सा, बर्दाश्त करने की क्षमता का कम होना बताता है कि हमारी भाषा खोखली होती जा रही है, अति की ओर बढ़ती जा रही है, उसे प्रेम का साथ मिलना जरूरी है. इससे ही हम मन को घृणा की ओर बढ़ने से रोक पाएंगे.