#जीवन संवाद: मन के खुले द्वार!
Episode 120, Jul 21, 2020, 04:00 PM
#JeevanSamvad: हम मन के द्वार सबके लिए इसलिए भी नहीं खोलते क्योंकि हमारा मन संकुचित होता है. अक्सर हम सबके लिए एक तरह नहीं सोच सकते. इसे फिर भी व्यावहारिक दृष्टिकोण कह सकते हैं, लेकिन अगर थोड़ी सजगता से देखेंगे, तो पाएंगे कि मन के द्वार धीरे-धीरे इतने संकुचित होते जा रहे हैं कि उनमें कुछ ही लोगों को प्रवेश करने की अनुमति मिलती है.