Muslim Brotherhood क्या है / राहुल गाँधी ने RSS से की तुलना

Episode 20,   Aug 27, 2018, 07:50 AM

कांग्रेस अध्यक्ष ने राहुल गाँधी ने RSS पर बड़ा हमला करते हुए उसकी तुलना मुस्लिम आतंकी संगठन Muslim Brotherhood से की है. यह आतंकी संगठन मिस्र में शुरू हुआ था और इसका मकसद है पूरी दुनिया में शरिया कानून लागु करना.'मुस्लिम ब्रदरहुड' अरब के कई देशों में सुन्नी मुसलमानों का धार्मिक-राजनीतिक संगठन है. इसे अरब के कई देशों में बैन करके रखा गया है। इसकी स्थापना मिस्र में 1928 में एक शिक्षक हसन अल बन्ना ने की थी.

यह मिस्र का सबसे पुराना इस्लामिक संगठन है. इस संगठन ने पूरे दुनिया में इस्लामिक आंदोलनों को प्रभावित करने का काम किया है, मिस्र में यह संगठन अवैध करार दिया जा चुका है. स्थापना के कुछ सालों में एमबी की विचारधारा में कुछ बदलाव हुए थे, क्यूंकि वह अपने विचारधारा को मनवाने के लिए बल का इस्तेमाल करने लगे थे.

अरब के कई मुल्कों में इसे आतंकी संगठन की श्रेणी में रखा गया है. लेकिन इस संगठन ने राष्ट्रपति होस्नी मुबारक को बेदखल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

मिस्र में मुस्लिम ब्रदरहुड के सर्वोच्च नेता मोहम्मद बदी हैं, जो वर्तमान में जेल में हैं, उन्हें विभिन्न आरोपों के तहत मौत की सजा सुनाई गई है.

ब्रदरहुड का कहना है कि वो लोकतांत्रिक सिद्धांतो का समर्थन करता है और उसका एक मुख्य मकसद है कि देश का शासन इस्लामी कानून यानि शरिया के आधार पर चलाया जाए.

पूरे अरब में 'मुस्लिम ब्रदरहुड' की विचारधारा फैली हुई है। इसका हथियारबंद दस्ता ब्रिटिश शासन के खिलाफ रहा है. इसके रिश्ते लेबनान के आतंकी संगठन हिज़्बुल्लाह और फिलिस्तीनी के हमास से रहे हैं.

मिस्र में अपने शुरुआती दिनों में, एमबी, ब्रिटिश कब्जे के खिलाफ सक्रिय संघर्ष में शामिल था और मिस्र को राजतंत्र से मुक्त करने के लिए नि: शुल्क अधिकारियों के आंदोलन के साथ सहयोग भी किया.

वर्ष 1954 में राष्ट्रपति गमाल अब्देल नासर की हत्या के असफल प्रयास के बाद मुस्लिम ब्रदरहुड को प्रतिबंधित कर दिया गया. हज़ारों कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया गया, उन्हें प्रताड़ित किया गया. इसके बाद संगठन भूमिगत हो गया.मुस्लिम ब्रदरहुड ने अनवर अल सादात को समर्थन दिया. सादात 1970 में मिस्र के राष्ट्रपति बने. शुरुआती दौर में दोनों ने एक दूसरे का सहयोग किया लेकिन बाद में दोनों के संबंधों में खटास आ गई.