नरेंद्र मोदी ओबीसी का लीडर अनुप्रिया पटेल को ही क्यों बना रहे है, ये रही अंदर की बात !
लोकसभा चुनाव में अद (एस) के साथ गठबंधन कर उत्तर प्रदेश में 73 सीटों को बरकरार रखने के लिए भाजपा ने पहल शुरू कर दी है। प्रदेश की 12 से 15 सीटों पर पटेल बिरादरी के एक से डेढ़ लाख मतदाताओं को एकजुट रखने के लिए बुधवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और अद (एस) की नेता और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल के बीच 40 मिनट की बातचीत को मिर्जापुर को लोकसभा चुनाव की तैयारी का बड़ा केंद्र बनाने का भी प्रयास माना जा रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कुछ दलों के एनडीए से अलग होने की घोषणा के बीच भाजपा चाहती है कि इसे रोका जाए। सहयोगी दलों के मतदाताओं में सही संदेश देने के लिए तय किया गया है कि अनुप्रिया को एनडीए में पिछड़े वर्ग (ओबीसी) का चेहरा बनाया जाएगा। उन्हें मध्यप्रदेश में होने वाले चुनाव में भी स्टार प्रचारक बनाया जाएगा। गुजरात चुनाव में वह ऐसी जिम्मेदारी निभा चुकी हैं। प्रदेश सरकार में अद (एस) की भागीदारी भी बढ़ाने का फैसला हो चुका है। इस दौरान मौजूद रहे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और विधान परिषद के सदस्य आशीष सिंह पटेल को अगले विस्तार में मंत्री पद भी दिया जाना लगभग तय हो गया है। लोकसभा चुनाव में अद (एस) को चार सीटें देने की भी रूपरेखा बन गई है। संकेत हैं कि राबटर्सगंज सीट से अद (एस) का ही उम्मीदवार उतारा जाएगा। अनुप्रिया के भरूहना स्थित आवास पर हुई बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, वित्त मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री राजेश अग्रवाल, नंद गोपाल गुप्ता, बृजेश पाठक, दारा सिंह चौहान और पूर्व सांसद पकौड़ी लाल कोल की उपस्थिति से जाहिर है कि पार्टी समन्वय पर जोर दे रही है। बातचीत में सुभासपा का उल्लेख किए बगैर कहा गया कि अद (एस) ने हर मौके पर पार्टी का साथ धैर्य के साथ दिया है। अद (एस) के साथ गठबंधन को दीर्घकालीन बनाने के लिए उसकी उचित हिस्सेदारी दी जानी चाहिए।